The Definitive Guide to what to do for success in Hindi
The Definitive Guide to what to do for success in Hindi
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“मैंने आपको चोट पहुंचाने के बाद, आपने रेत में लिखा और अब, आप एक पत्थर पर लिखते हैं, क्यों?”
एक बार..गुरू ने अपने शिष्य को समझाते हुए, आम के पेंड की कहानी सुनाई – एक आम का वृक्ष था। जिसमे ढेर सारे आम पके हुए थे, एक दिन उस पेंड का मालिक आया और पेंड पर चढ़कर सारे आम तोड़ने लगा।
चूड़ियों की गिनती
इस प्रसंग से सीख – दोस्तों ! मांस वह खाता है जो मांसाहारी होता है और जिसके दांत मांस खाने के लिए बने होते है. जब हम किसी भी जानवर का मांस खाते है तो हम भी कही न कही उस जानवर की मौत के जिम्मेदार होते है.
उनके शिक्षक ने छात्रो को हिदायत दे रखी थी की निरीक्षक पर आप सब का अच्छा प्रभाव पड़ना चाहिए. जब निरीक्षक गाँधी जी की क्लास में आये तो उन्होंने बच्चो की परीक्षा लेने के लिए छात्रो को पांच शब्द बताकर उनके वर्तनी लिखने को कहा.
पंचतंत्र की कहानी: खटमल और बेचारी जूं – bedbugs and lice Tale in hindi
“We are inclined to generate muddle and continue being stagnant when we are accomplishing the usual factors,” suggests Julie Coraccio, lifetime coach and proprietor of Reawaken Your Brilliance. “Whenever we start to see matters in a different way and Go searching us we open up ourselves as many as new options and new possibilities and may clear out panic.” It’s usually, the worry, or the Electrical power of your fear, she says, that’s better than what we even have to complete and alter.
अब अपना आकर्षण खो देने के कारण उसके तरफ कोई देखता भी नहीं था वह बहुत पछताने लगा की संसार का कोई सेवा नहीं कर सका, व वह लोगों का काम भी नहीं आ सका, आखिरकार एक दिन तेज हवा का झोंका आया और वह डाली टूटकर नीचे गिर गया
गाँधी जी के ज़माने में छूआछूत का बोलबाला था. उनका उस ज़माने में अपनी ऐसी सोच रखना उनकी महानता को दर्शाता है.
वे तब तक टहलते रहे जब तक उन्हें एक नखलिस्तान नहीं मिला, जहां उन्होंने स्नान करने का फैसला किया। जिसको थप्पड़ मारा गया था, वह घोड़ी में फंस गया और डूबने लगा, लेकिन दोस्त ने उसे बचा लिया। डूबने से बचने के बाद उस दोस्त here ने एक पत्थर पर लिखा ;
गुरूजी ने जवाब दिया की दुःख तो मुझे भी बहुत हुआ है शिष्य तुम्हारे इस सवाल से काश इन सवालों के जगह पर तुम ये पूछते – गुरूजी, चाँद में इतनी चांदनी क्यों है ? और दीपक में इतनी रोशनी क्यों है ?
गाँधी जी ने अपने जीवन में कभी भी मांस को हाथ नहीं लगाया. किन्तु एक बार उन्होंने मांस का सेवन किया था. जब गाँधी जी ने मांस खा लिया उस रात को गाँधी जी को पूरी रात अपने पेट में बकरे की बोलने की आवाज महसूस हुई.
तेनालीराम और लाल मोर – तेनालीराम की कहानी
“कुछ खास नहीं। अस्सी साल मैं खुशी का पीछा कर रहा था, और यह बेकार था। और फिर मैंने खुशी के बिना जीने का फैसला किया और बस जीवन का आनंद लिया। इसलिए मैं अब खुश हूं।